Monday, October 29, 2012

Murli [29-10-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - इस समय स्वयं भगवान तुम्हारे सामने हाज़िर-नाज़िर है, वह बहिश्त की सौगात लेकर आया है, इसलिए अपार खुशी में रहो'' 
प्रश्न: बाप अपने बच्चों पर कौन सी ब्लैसिंग करते हैं? 
उत्तर: बच्चों को आप समान नॉलेजफुल बनाना - यह उनकी ब्लैसिंग है। जिस नॉलेज के आधार से नर से श्री नारायण बन जाते हैं। बाबा कहते हैं बच्चे मैं तुम्हें राजयोग की शिक्षा देकर राजाओं का राजा बनाता हूँ। मेरे सिवाए ऐसी ब्लैसिंग कोई कर नहीं सकता। 
गीत:- मुझे गले से लगा लो.... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) सच्चे साहेब को राज़ी करने के लिए बहुत-बहुत सच्ची दिल रखनी है, कोई भी विघ्न नहीं डालना है।
2) सुख का अनुभव करने के लिए अपना योग ठीक रखना है। स्वदर्शन चक्र फिराते विकर्मो को भस्म करना है। 
वरदान: सदा एक बाप के स्नेह में समाये हुए सर्व प्राप्तियों में सम्पन्न और सन्तुष्ट भव 
जो बच्चे सदा एक बाप के स्नेह में समाये हुए हैं - बाप उनसे जुदा नहीं और वे बाप से जुदा नहीं। हर समय बाप के स्नेह के रिटर्न में सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न और सन्तुष्ट रहते हैं इसलिए उन्हें और किसी भी प्रकार का सहारा आकर्षित नहीं कर सकता। स्नेह में समाई हुई आत्मायें सदा सर्व प्राप्ति सम्पन्न होने के कारण सहज ही ''एक बाप दूसरा न कोई'' इस अनुभूति में रहती हैं। समाई हुई आत्माओं के लिए एक बाप ही संसार है। 
स्लोगन: हद के मान-शान के पीछे दौड़ लगाने के बजाए स्वमान में रहना ही श्रेष्ठ शान है।