Thursday, October 25, 2012

Murli [21-10-2012]-Hindi


21-10-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 04-12-95 मधुबन
“यथार्थ निश्चय के फाउण्डेशन द्वारा सम्पूर्ण पवित्रता को धारण करो”
वरदान :- सर्व खजानों को कार्य में लगाकर बढ़ाने वाले योगी सो प्रयोगी आत्मा भव
बापदादा ने बच्चों को सर्व खजाने प्रयोग के लिए दिये हैं। जो जितना प्रयोगी बनते हैं, प्रयोगी की निशानी है प्रगति। अगर प्रगति नहीं होती तो प्रयोगी नहीं। योग का अर्थ ही है प्रयोग में लाना। तो तन-मन-धन वा वस्तु जो भी बाप द्वारा मिली हुई अमानत है, उसे अलबेलेपन के कारण व्यर्थ नहीं गंवाना, बल्कि उसे कार्य में लगाकर एक से दस गुना बढ़ाना, कम खर्च बालानशीन बनना – यही योगी सो प्रयोगी आत्मा की निशानी है।
स्लोगन:- विकर्मों और विकारों का त्याग करना ही सच्चा त्याग है।