मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हारी यह लाइफ मोस्ट वैल्युबुल है, तुम्हें इस जन्म में कौड़ी से हीरे जैसा बनना है, इसलिए जितना हो सके बाप को याद करो''
प्रश्न: किस एक बात में खबरदार न रहने से सारा रजिस्टर खराब हो जाता है?
उत्तर: अगर किसी को भी दु:ख दिया तो दु:ख देने से रजिस्टर खराब हो जाता है। इस बात में बड़ी खबरदारी चाहिए। दूसरे को भी दु:ख देना माना स्वयं को दु:खी करना। जब बाप कभी किसी को दु:ख नहीं देते तो बच्चों को बाप समान बनना है। 21 जन्मों का राज्य भाग्य लेने के लिए एक तो पवित्र बनो, दूसरा - मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को भी दु:ख न दो। गृहस्थ व्यवहार में बहुत मीठा व्यवहार करो।
गीत:- तकदीर जगाकर आई हूँ...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) सच्चा प्यार एक बाप से रखना है। बाकी सबसे नष्टोमोहा बनना है। मुख से वा कर्मेन्द्रियों से कोई भी पाप कर्म नहीं करना है। रजिस्टर सदा ठीक रखना है।
2) सर्विस में कभी थकना नहीं है। अपना टाइम वेस्ट नहीं करना है। घर-घर में रूहानी हॉस्पिटल खोल सबको याद की दवाई देनी है।
वरदान: दृढ़ संकल्प द्वारा असम्भव को सम्भव कर सफलता का अनुभव करने वाले निश्चित विजयी भव
संगमयुग को विशेष वरदान है - असम्भव को सम्भव करना इसलिए कभी यह नहीं सोचो कि यह कैसे होगा। 'कैसे' के बजाए सोचो कि 'ऐसे' होगा। निश्चय रखकर चलो कि यह हुआ ही पड़ा है सिर्फ प्रैक्टिकल में लाना है, रिपीट करना है। दृढ़ संकल्प को यूज़ करो। संकल्प में भी क्या-क्यों की हलचल न हो तो विजय निश्चित है ही। दृढ़ संकल्प यूज़ करना अर्थात् सहज सफलता प्राप्त कर लेना।
स्लोगन: सदा करनकरावनहार बाप की स्मृति रहे तो भान और अभिमान समाप्त हो जायेगा।
प्रश्न: किस एक बात में खबरदार न रहने से सारा रजिस्टर खराब हो जाता है?
उत्तर: अगर किसी को भी दु:ख दिया तो दु:ख देने से रजिस्टर खराब हो जाता है। इस बात में बड़ी खबरदारी चाहिए। दूसरे को भी दु:ख देना माना स्वयं को दु:खी करना। जब बाप कभी किसी को दु:ख नहीं देते तो बच्चों को बाप समान बनना है। 21 जन्मों का राज्य भाग्य लेने के लिए एक तो पवित्र बनो, दूसरा - मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को भी दु:ख न दो। गृहस्थ व्यवहार में बहुत मीठा व्यवहार करो।
गीत:- तकदीर जगाकर आई हूँ...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) सच्चा प्यार एक बाप से रखना है। बाकी सबसे नष्टोमोहा बनना है। मुख से वा कर्मेन्द्रियों से कोई भी पाप कर्म नहीं करना है। रजिस्टर सदा ठीक रखना है।
2) सर्विस में कभी थकना नहीं है। अपना टाइम वेस्ट नहीं करना है। घर-घर में रूहानी हॉस्पिटल खोल सबको याद की दवाई देनी है।
वरदान: दृढ़ संकल्प द्वारा असम्भव को सम्भव कर सफलता का अनुभव करने वाले निश्चित विजयी भव
संगमयुग को विशेष वरदान है - असम्भव को सम्भव करना इसलिए कभी यह नहीं सोचो कि यह कैसे होगा। 'कैसे' के बजाए सोचो कि 'ऐसे' होगा। निश्चय रखकर चलो कि यह हुआ ही पड़ा है सिर्फ प्रैक्टिकल में लाना है, रिपीट करना है। दृढ़ संकल्प को यूज़ करो। संकल्प में भी क्या-क्यों की हलचल न हो तो विजय निश्चित है ही। दृढ़ संकल्प यूज़ करना अर्थात् सहज सफलता प्राप्त कर लेना।
स्लोगन: सदा करनकरावनहार बाप की स्मृति रहे तो भान और अभिमान समाप्त हो जायेगा।