Sunday, September 16, 2012

Murli [16-09-2012]-Hindi


16-09-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:10.09.75 मधुबन 
नॉलेजफुल और पावरफुल आत्मा ही सक्सेसफुल 
16-09-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:13.09.75 मधुबन 
विश्व-परिवर्तन ही ब्राह्मण जीवन का विशेष कर्तव्य है 
वरदान: ट्रस्टी पन की स्मृति से निमित्त समझ हर कार्य करने वाले डबल लाइट भव 
निमित्तपन का भाव बोझ को सहज खत्म कर देता है। मेरी जिम्मेवारी है, मेरे को ही सम्भालना है, मेरे को ही सोचना है....तो बोझ होता है। जिम्मेवारी बाप की है और बाप ने ट्रस्टी अर्थात् निमित्त बनाया है इस स्मृति से डबल लाइट बन उड़ती कला का अनुभव करते रहो। जहाँ मेरा है वहाँ बोझ है इसलिए कभी किसी भी कार्य में जब बोझ महसूस हो तो चेक करो कि कहीं गलती से तेरे के बजाए मेरा तो नहीं कहते। 
स्लोगन: हर बोल में आत्मिक भाव और शुभ भावना हो तो कोई भी बोल व्यर्थ नहीं जा सकता।