Monday, September 10, 2012

Murli [10-09-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - अभी तुम ब्राह्मणों को देवताओं से भी जास्ती रॉयल्टी से चलना है क्योंकि तुम अभी निराकारी और साकारी ऊंच कुल के हो'' 
प्रश्न: किन बच्चों का मुखड़ा (चेहरा) फूल की तरह खिला हुआ रहेगा? 
उत्तर: जिन्हें गुप्त खुशी होगी कि बाप से हम बेहद का वर्सा लेकर विश्व का मालिक बनते हैं। 2- जो ज्ञान और योग से सतोप्रधान बनते जा रहे हैं। आत्मा पवित्र होती जाती है। ऐसे बच्चों का मुखड़ा फूल की तरह खुशी में खिला हुआ रहेगा। आत्मा में ताकत आती जायेगी। मुख से ज्ञान रत्न निकलते-निकलते रूप-बसन्त बन जायेंगे। नई राजधानी का साक्षात्कार होता रहेगा। 
गीत:- मरना तेरी गली में... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) ऐसा फर्स्टक्लास मीठा और रॉयल बनना है जो बाप का नाम बाला हो। कोई गुस्सा करे, गाली दे तो भी मुस्कराते रहना है। 
2) श्रीमत पर पूरा-पूरा ट्रस्टी बनना है। कोई भी उल्टा धन्धा नहीं करना है। पूरा-पूरा बलिहार जाना है।
वरदान: श्रेष्ठ मत प्रमाण हर कर्म कर्मयोगी बन करने वाले कर्मबन्धन मुक्त भव 
जो बच्चे श्रेष्ठ मत प्रमाण हर कर्म करते हुए बेहद के रूहानी नशे में रहते हैं, वह कर्म करते कर्म के बंधन में नहीं आते, न्यारे और प्यारे रहते हैं। कर्मयोगी बनकर कर्म करने से उनके पास दु:ख की लहर नहीं आ सकती, वे सदा न्यारे और प्यारे रहते हैं। कोई भी कर्म का बन्धन उन्हें अपनी ओर खींच नहीं सकता। सदा मालिक होकर कर्म कराते हैं इसलिए बन्धनमुक्त स्थिति का अनुभव होता है। ऐसी आत्मा स्वयं भी सदा खुश रहती है और दूसरों को भी खुशी देती है। 
स्लोगन: अनुभवों की अथॉरिटी बनो तो कभी धोखा नहीं खायेंगे।