मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम्हें पवित्र रहने का व्रत लेना है, बाकी निर्जल रखने, भूख-हड़ताल आदि करने की जरूरत नहीं, पवित्र बनो तो विश्व का मालिक बन जायेंगे''
प्रश्न: इस समय दुनिया में सबसे अच्छे कौन हैं और कैसे?
उत्तर: इस दुनिया में इस समय सबसे अच्छे गरीब हैं क्योंकि गरीबों को ही बाप आकर मिलते हैं। साहूकार तो इस ज्ञान को सुनेंगे ही नहीं। बाप है ही गरीब निवाज़। गरीबों को ही साहूकार बनाते हैं।
गीत:- आज के इंसान को....
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) नॉलेज को धारण करने के लिए दिल बड़ी साफ रखनी है। सच्ची दिल से बाप की सेवा में लगना है। सेवा में कभी भी थकना नहीं है।
2) वायदा करना है मेरा तो एक शिवबाबा, दूसरा न कोई। देह सहित देह के सब झूठे सम्बन्ध छोड़ एक से सर्व सम्बन्ध जोड़ने हैं। गरीबों को ज्ञान धन का दान देना है।
वरदान: स्नेह की उड़ान द्वारा समीपता का अनुभव करने वाले पास विद आनर भव
स्नेह की शक्ति से सभी बच्चे आगे बढ़ते जा रहे हैं। स्नेह की उड़ान तन से, मन से वा दिल से बाप के समीप लाती है। ज्ञान, योग, धारणा में यथाशक्ति नम्बरवार हैं लेकिन स्नेह में हर एक नम्बरवन हैं। स्नेह में सभी पास हैं। स्नेह का अर्थ ही है पास रहना और पास होना वा हर परिस्थिति को सहज ही पास कर लेना। ऐसे पास रहने वाले ही पास विद आनर बनते हैं।
स्लोगन: माया और प्रकृति के तूफानों में सेफ रहना है तो दिलतख्तनशीन बन जाओ।
प्रश्न: इस समय दुनिया में सबसे अच्छे कौन हैं और कैसे?
उत्तर: इस दुनिया में इस समय सबसे अच्छे गरीब हैं क्योंकि गरीबों को ही बाप आकर मिलते हैं। साहूकार तो इस ज्ञान को सुनेंगे ही नहीं। बाप है ही गरीब निवाज़। गरीबों को ही साहूकार बनाते हैं।
गीत:- आज के इंसान को....
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) नॉलेज को धारण करने के लिए दिल बड़ी साफ रखनी है। सच्ची दिल से बाप की सेवा में लगना है। सेवा में कभी भी थकना नहीं है।
2) वायदा करना है मेरा तो एक शिवबाबा, दूसरा न कोई। देह सहित देह के सब झूठे सम्बन्ध छोड़ एक से सर्व सम्बन्ध जोड़ने हैं। गरीबों को ज्ञान धन का दान देना है।
वरदान: स्नेह की उड़ान द्वारा समीपता का अनुभव करने वाले पास विद आनर भव
स्नेह की शक्ति से सभी बच्चे आगे बढ़ते जा रहे हैं। स्नेह की उड़ान तन से, मन से वा दिल से बाप के समीप लाती है। ज्ञान, योग, धारणा में यथाशक्ति नम्बरवार हैं लेकिन स्नेह में हर एक नम्बरवन हैं। स्नेह में सभी पास हैं। स्नेह का अर्थ ही है पास रहना और पास होना वा हर परिस्थिति को सहज ही पास कर लेना। ऐसे पास रहने वाले ही पास विद आनर बनते हैं।
स्लोगन: माया और प्रकृति के तूफानों में सेफ रहना है तो दिलतख्तनशीन बन जाओ।