Thursday, August 23, 2012

Murli [23-08-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - इस रूहानी पढ़ाई को कभी मिस नहीं करना, इस पढ़ाई से ही तुम्हें विश्व की बादशाही मिलेगी'' 
प्रश्न: कौन सा निश्चय पक्का हो तो पढ़ाई कभी भी मिस न करें? 
उत्तर: अगर निश्चय हो कि हमें स्वयं भगवान टीचर रूप में पढ़ा रहे हैं। इस पढ़ाई से ही हमें विश्व की बादशाही का वर्सा मिलेगा और ऊंच स्टेटस भी मिलेगा, बाप हमें साथ भी ले जायेंगे - तो पढ़ाई कभी मिस न करें। निश्चय न होने कारण पढ़ाई पर ध्यान नहीं रहता, मिस कर देते हैं। 
गीत:- हमारे तीर्थ न्यारे हैं... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) एक बाप के ही फरमान पर चलना है, बाप से ही सुनना है। मनुष्यों की उल्टी बातें सुन उनके प्रभाव में नहीं आना है। उल्टा संग नहीं करना है। 
2) पढ़ाई और पढ़ाने वाले को सदा याद रखना है। सवेरे-सवेरे क्लास में जरूर आना है। 
वरदान: प्योरिटी की रॉयल्टी द्वारा ब्राह्मण जीवन की विशेषता को प्रत्यक्ष करने वाले सम्पूर्ण पवित्र भव 
प्योरिटी की रॉयल्टी ही ब्राह्मण जीवन की विशेषता है। जैसे कोई रॉयल फैमिली का बच्चा होता है तो उसके चेहरे से, चलन से मालूम पड़ता है कि यह कोई रॉयल कुल का है। ऐसे ब्राह्मण जीवन की परख प्योरिटी की झलक से होती है। चलन और चेहरे से प्योरिटी की झलक तब दिखाई देगी, जब संकल्प में भी अपवित्रता का नाम-निशान न हो। प्योरिटी अर्थात् किसी भी विकार वा अशुद्धि का प्रभाव न हो तब कहेंगे सम्पूर्ण पवित्र। 
स्लोगन: होलीहंस वह है जो व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दे।