Thursday, August 2, 2012

Murli [2-08-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - इस रूहानी पढ़ाई को धारण करने के लिए बुद्धि पवित्र सोने का बर्तन चाहिए, पवित्रता की राखी बांधो तब राजाई का तिलक मिलेगा'' 
प्रश्न: इस समय सभी बच्चों को बाप द्वारा कौन सा सर्टीफिकेट लेने का पुरूषार्थ करना है? 
उत्तर: पावन दुनिया में जाने के लिए पावन अर्थात् लायक बनने का सर्टीफिकेट लेना है। जब इस समय पवित्रता का प्रण करो तब बुद्धि गोल्डन एजेड बने। पवित्रता का सर्टीफिकेट लेने के लिए बाप की राय है - बच्चे, और सबसे अपना बुद्धियोग निकाल ज्ञान चिता पर बैठो। एक मात-पिता को फालो करो। पावन रहना ही है, यह प्रतिज्ञा करो। बाप के साथ सच्चाई से चलो। 
गीत:- भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) बाप से प्रतिज्ञा कर फिर तोड़नी नहीं है, पवित्रता और पढ़ाई से आत्मा को गोल्डन एजेड बनाना है। 
2) और सबका बुद्धि से त्याग कर अशरीरी बनने का अभ्यास करना है। योगबल से माया के तूफानों पर विजय पानी है। 
वरदान: धन कमाते अथवा सम्बन्धों को निभाते हुए दु:खों से मुक्त रहने वाले नष्टोमोहा, ट्रस्टी भव 
लौकिक संबंधों के बीच में रहते संबंध निभाना अलग चीज़ है और उनके तरफ आकर्षित होना अलग चीज़ है। ट्रस्टी होकर धन कमाना अलग चीज है, लगाव से कमाना, मोह से कमाना अलग चीज़ है। नष्टोमोहा वा ट्रस्टी की निशानी है - दुख और अशान्ति का नाम निशान न हो। कभी कमाने में धन नीचे ऊपर हो जाए वा सम्बन्ध निभाने में कोई बीमार हो जाए, तो भी दु:ख की लहर न आये। सदा बेफिक्र बादशाह। 
स्लोगन: रहमदिल उसे कहा जाता जो निर्बल को हिम्मत और बल देता रहे।