Sunday, July 8, 2012

Murli [8-07-2012]-Hindi

08-07-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 01-02-75 मधुबन 
ईश्वर के साथ का और लगन की अग्नि का अनुभव 
08-07-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 02-02-75 मधुबन 
स्व-चिन्तक, शुभ-चिन्तक और विश्व-परिवर्तक 
वरदान: निमित्त भाव के अभ्यास द्वारा स्व की और सर्व की प्रगति करने वाले न्यारे और प्यारे भव 
निमित्त बनने का पार्ट सदा न्यारा और प्यारा बनाता है। अगर निमित्त भाव का अभ्यास स्वत: और सहज है तो सदा स्व की प्रगति और सर्व की प्रगति हर कदम में समाई हुई है। उन आत्माओं का कदम धरनी पर नहीं लेकिन स्टेज पर है। निमित्त बनी हुई आत्माओं को सदा यह स्मृति स्वरूप में रहता कि विश्व के आगे बाप समान का एक्जैम्पल हैं। 
स्लोगन: सुखदाता के बच्चे सदा सुख के झूले में झूलते रहो, दु:ख की लहर में नहीं आओ।