Thursday, July 5, 2012

Murli [5-07-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - अब दु:ख के बन्धनों से छूट सुख के सम्बन्ध में जाना है, इसलिए पुराने कर्मबन्धन के हिसाब-किताब सब चुक्तू करने हैं''
प्रश्न: इस युद्धस्थल पर बेहद की बाक्सिंग कौन सी है? बाक्सिंग में विजय का आधार क्या है?
उत्तर: माया रावण से तुम बच्चों की बेहद की बाक्सिंग है, इसे ही मल्लयुद्ध कहा जाता है। इस बाक्सिंग में विजयी बनने के लिए बुद्धि में रहे हमने कल्प-कल्प जीत पाई है। माया रावण पर जीत पाने के लिए पाँचों भूतों का दान देना है। दान में देकर फिर कभी वापिस नहीं लेना है। अगर दान देकर वापस लिया - काम, क्रोध के वश हुए तो सब भूत फिर सताने लगेंगे।
गीत:- एक तू जो मिला सारी दुनिया मिली....
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) बुद्धि को हद और बेहद से पार अपने शान्तिधाम में ले जाना है। दु:ख के बंधनों से छूटने के लिए ईश्वरीय सम्बन्ध में रहना है।
2) सारे विश्व की खिदमत करने के लिए 3 पैर पृथ्वी पर रूहानी युनिवर्सिटी खोलनी है। बेहद की हिस्ट्री-जॉग्राफी पढ़नी और पढ़ानी है।


वरदान: सदा उत्साह में रह निराशावादी को आशावादी बनाने वाले सच्चे सेवाधारी भव

ब्राह्मण अर्थात् हर समय उत्साह भरे जीवन में उड़ने और उड़ाने वाले, उनके पास कभी निराशा आ नहीं सकती क्योंकि उनका आक्यूपेशन है '' निराशावादी को आशावादी बनाना।'' यही सच्ची सेवा है। सच्चे सेवाधारियों का उत्साह कभी कम नहीं हो सकता। उत्साह है तो जीवन जीने का मजा है। जैसे शरीर में श्वांस की गति यथार्थ चलती है तो अच्छी तन्दरूस्ती मानी जाती है। ऐसे ब्राह्मण जीवन अर्थात् उत्साह, निराशा नहीं।
स्लोगन: बीती को बीती कर दो और बीती बातों से शिक्षा लेकर आगे के लिए सावधान रहो।