22-07-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 07-02-75 मधुबन
सन्तुष्टता ही सम्पूर्णता की निशानी है
22-07-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 08-02-75 मधुबन
निश्चय रूपी आसन पर अचल स्थिति
वरदान: निर्मानता की विशेषता द्वारा सहज सफलता प्राप्त करने वाले सर्व के माननीय भव
सर्व द्वारा मान प्राप्त करने का सहज साधन है-निर्मान बनना। जो आत्मायें स्वयं को सदा निर्मानचित की विशेषता से चलाती रहती हैं वह सहज सफलता को पाती हैं। निर्मान बनना ही स्वमान है। निर्मान बनना झुकना नहीं है लेकिन सर्व को अपनी विशेषता और प्यार से झुकाना है। वर्तमान समय के प्रमाण सदा और सहज सफलता प्राप्त करने का यही मूल आधार है। हर कर्म, सम्बन्ध और सम्पर्क में निर्मान बनने वाले ही विजयी-रत्न बनते हैं।
स्लोगन: नॉलेज की शक्ति धारण कर लो तो विघ्न वार करने के बजाए हार खा लेंगे।
सन्तुष्टता ही सम्पूर्णता की निशानी है
22-07-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 08-02-75 मधुबन
निश्चय रूपी आसन पर अचल स्थिति
वरदान: निर्मानता की विशेषता द्वारा सहज सफलता प्राप्त करने वाले सर्व के माननीय भव
सर्व द्वारा मान प्राप्त करने का सहज साधन है-निर्मान बनना। जो आत्मायें स्वयं को सदा निर्मानचित की विशेषता से चलाती रहती हैं वह सहज सफलता को पाती हैं। निर्मान बनना ही स्वमान है। निर्मान बनना झुकना नहीं है लेकिन सर्व को अपनी विशेषता और प्यार से झुकाना है। वर्तमान समय के प्रमाण सदा और सहज सफलता प्राप्त करने का यही मूल आधार है। हर कर्म, सम्बन्ध और सम्पर्क में निर्मान बनने वाले ही विजयी-रत्न बनते हैं।
स्लोगन: नॉलेज की शक्ति धारण कर लो तो विघ्न वार करने के बजाए हार खा लेंगे।