Friday, June 8, 2012

Murli [8-06-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सदा ईश्वरीय सेवा में बिजी रहो तो बाप से लव बढ़ता जायेगा, खुशी का पारा चढ़ा रहेगा'' 
प्रश्न: नज़र से निहाल होने वाले बच्चों की दिल में कौन सी खुशी रहती है? 
उत्तर: उनके दिल में स्वर्ग के बादशाही की खुशी रहती है क्योंकि बाप की नज़र मिली अर्थात् वर्से के अधिकारी बने। बाप में सब समाया हुआ है। 
प्रश्न:- बाप बच्चों को रोज़ भिन्न-भिन्न ढंग से नई प्वाइंट्स क्यों सुनाते हैं? 
उत्तर:- क्योंकि बच्चों की अनेक जन्मों की दिल पूरी करनी है। बच्चे बाप द्वारा नई-नई प्वाइंट्स सुनते हैं तो बाप के प्रति लव बढ़ता जाता है। 
गीत:- तूने रात गंवाई सो के.... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) कभी भी किसी बात में मूंझ कर निश्चय में ऊपर नीचे नहीं होना है। घरबार सम्भालते, कर्मयोगी होकर रहना है। विजय माला में नजदीक आने के लिए पवित्र जरूर बनना है। 
2) बुद्धिवान बनने के लिए ज्ञान का विचार सागर मंथन करना है। सदा खिदमत (सेवा) में तत्पर रहना है। आप समान बनाने की सेवा करनी है। 
वरदान: दूसरों के परिवर्तन की चिंता छोड़ स्वयं का परिवर्तन करने वाले शुभ चिंतक भव 
स्व परिवर्तन करना ही शुभ चिंतक बनना है। यदि स्व को भूल दूसरे के परिवर्तन की चिंता करते हो तो यह शुभचिंतन नहीं है। पहले स्व और स्व के साथ सर्व। यदि स्व का परिवर्तन नहीं करते और दूसरों के शुभ चिंतक बनते हो तो सफलता नहीं मिल सकती इसलिए स्वयं को कायदे प्रमाण चलाते हुए स्व का परिवर्तन करो, इसी में ही फायदा है। बाहर से कोई फायदा भल दिखाई न दे लेकिन अन्दर से हल्कापन और खुशी की अनुभूति होती रहेगी। 
स्लोगन: सेवाओं का सदा उमंग है तो छोटी-छोटी बीमारियां मर्ज हो जाती हैं।