Sunday, May 27, 2012

Murli [27-05-2012]-Hindi

27-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त बापदादा'' रिवाइज:15-09-74 मधुबन 
पुरुषार्थ का अन्तिम लक्ष्य है अव्यक्त फरिश्ता-पन 
वरदान: कम्बाइन्ड स्वरूप की स्मृति द्वारा कम्बाइन्ड सेवा करने वाले सफलता मूर्त भव 
जैसे शरीर और आत्मा कम्बाइन्ड है, भविष्य विष्णु स्वरूप कम्बाइन्ड है, ऐसे बाप और हम आत्मा कम्बाइन्ड हैं इस स्वरूप की स्मृति में रहकर स्व सेवा और सर्व आत्माओं की सेवा साथ-साथ करो तो सफलता मूर्त बन जायेंगे। ऐसे कभी नहीं कहो कि सेवा में बहुत बिजी थे इसलिए स्व की स्थिति का चार्ट ढीला हो गया। ऐसे नहीं जाओ सेवा करने और लौटो तो कहो माया आ गई, मूड आफ हो गया, डिस्टर्ब हो गये। सेवा में वृद्धि का साधन ही है स्व और सर्व की सेवा कम्बाइन्ड हो। 
स्लोगन: हद के इच्छाओं की अविद्या होना ही महान सम्पत्तिवान बनना है।