Saturday, May 12, 2012

Murli [12-05-2012]-Hindi

12-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - विचार सागर मंथन कर भारत की हिस्ट्री-जाग्रॉफी और नई दुनिया का संवत सिद्ध कर बताओ तो कल्प की आयु सिद्ध हो जायेगी'' 
प्रश्न: तुम बच्चों को अभी कौन सी धुन लगी हुई है जो मनुष्यों से भिन्न है? 
उत्तर: तुम्हें धुन है कि विश्व का बेड़ा जो डूबा हुआ है उसे हम सैलवेज करें। सबको सच्ची-सच्ची सत्य नारायण की कथा वा अमरकथा सुनायें जिससे सबकी उन्नति हो। इतने बड़े-बड़े महल, बिजली आदि सब कुछ है परन्तु उन्हें यह पता नहीं है कि यह सब आर्टीफिशल झूठी उन्नति है। सच्ची उन्नति तो सतयुग में थी, जो अब बाप आकर करते हैं। 
गीत:- आखिर वह दिन आया आज..... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) अन्दर से झूठ निकल जाये उसके लिए सदा सत्य नारायण की कथा सुननी और सुनानी है। कभी ऐसी चलन नहीं चलनी है जो बाप की निन्दा हो। 
2) आपस में बहुत मीठा होकर रहना है, कभी लूनपानी नहीं होना है। अच्छे लक्षण धारण कर फिर सेवा करनी है। 
वरदान: नथिंगन्यु की युक्ति द्वारा हर परिस्थिति में मौज की स्थिति का अनुभव करने वाले सदा अचल-अडोल भव 
ब्राह्मण अर्थात् सदा मौज की स्थिति में रहने वाले। दिल में सदा स्वत: यही गीत बजता रहे-वाह बाबा और वाह मेरा भाग्य! दुनिया की किसी भी हलचल वाली परिस्थिति में आश्चर्य नहीं, फुलस्टाप। कुछ भी हो जाए-लेकिन आपके लिए नथिंगन्यु। कोई नई बात नहीं है। इतनी अन्दर से अचल स्थिति हो, क्या, क्यों में मन मूंझे नहीं तब कहेंगे अचल-अडोल आत्मायें। 
स्लोगन: वृत्ति में शुभ भावना, शुभ कामना हो तो शुभ वायब्रेशन फैलते रहेंगे।