Sunday, April 15, 2012

Murli [15-04-2012]-Hindi

15-04-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:04-07-74 मधुबन
स्व-स्थिति की श्रेष्ठता से व्यर्थ संकल्पों की हलचल समाप्त
वरदान: संकल्प से भी मेरेपन की मैल को समाप्त कर बोझ से हल्का रहने वाले फरिश्ता भव
मेरेपन का विस्तार ही बोझ है। कोई भी मेरा पन, मेरा स्वभाव, मेरा संस्कार, मेरी नेचर, कुछ भी मेरा है तो बोझ है और बोझ वाला उड़ नहीं सकता, फरिश्ता बन नहीं सकता। संकल्प में भी मेरे पन का भान आया तो समझो मैले हो गये। किसी भी चीज पर मैल चढ़ जाए तो मैल का बोझ हो जायेगा। तो सब बोझ बाप हवाले कर मेरेपन की मैल को समाप्त करो तो फरिश्ता बन जायेंगे।
स्लोगन: हर परिस्थिति में फुल पास होने वाले ही मास्टर सर्वशक्तिमान् हैं।