Saturday, March 3, 2012

Murli [3-03-2012]-Hindi

मुरली सार :- ''मीठे बच्चे – मनुष्य मत पर तो तुम आधाकल्प चलते हो, अब मेरी श्रीमत पर चल पावन बनो तो पावन दुनिया के मालिक बन जायेंगे''
प्रश्न: बेहद का बाप बच्चों को कौन सी आशीर्वाद देते हैं और वह आशीर्वाद किन्हों को प्राप्त होती है?
उत्तर: बाप आशीर्वाद देते बच्चे तुम 21 जन्म सदा सुखी रहेंगे, अमर रहेंगे। तुम्हें कभी काल नहीं खायेगा, अकाले मृत्यु नहीं होगी। कामधेनु माता तुम्हारी सब मनोकामनायें पूर्ण कर देगी। परन्तु तुम्हें इस विष (विकार) को छोड़ना पड़ेगा। यह आशीर्वाद उन्हें ही प्राप्त होती है जो श्रीमत पर इस अन्तिम जन्म में पवित्र बनते और बनाते हैं। बाबा कहते बच्चे, दुनिया बदल रही है इसलिए पावन जरूर बनो।
गीत:- ओम् नमो शिवाए......
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) ज्ञान और योग से अपने बंधनों को काटना है। इस दु:खधाम को भूल शान्तिधाम और सुखधाम को याद करना है।
2) कुछ सहन करना पड़े, प्राण भी त्यागने पड़े तो भी बाप ने जो पावन बनने का फरमान किया है, उस पर चलना ही है। पतित कभी नहीं बनना है।
वरदान: सेवा का प्रत्यक्ष फल खाते एवरहेल्दी, वेल्दी और हैपी रहने वाले सदा खुशहाल भव
जैसे साकार दुनिया में कहते हैं कि ताजा फल खाओ तो तन्दरूस्त रहेंगे। हेल्दी रहने का साधन फल बताते हैं और आप बच्चे तो हर सेकण्ड प्रत्यक्ष फल खाने वाले हो इसलिए यदि आपसे कोई पूछे कि आपका हालचाल क्या है? तो बोलो-हाल है खुशहाल और चाल है फरिश्तों की, हम हेल्दी भी हैं, वेल्दी भी हैं तो हैपी भी हैं। ब्राह्मण कभी उदास हो नहीं सकते।
स्लोगन: पवित्र आत्मा ही स्वच्छता और सत्यता का दर्पण है।