Saturday, March 10, 2012

Murli [10-03-2012]-Hindi

मुरली सार :- ''मीठे बच्चे - बाबा आये हैं तुम्हें सच्चा-सच्चा वैष्णव बनाने, तुम अभी ट्रांसफर हो काले से गोरे बन रहे हो''
प्रश्न: सर्व की कामनायें पूर्ण करने वाले आप बच्चों का टाइटल क्या है? तुम्हें कौन सी कामना पूर्ण करनी है?
उत्तर: तुम सर्व की मनोकामनायें पूर्ण करने वाले जगत अम्बा के बच्चे कामधेनु हो। सभी की कामना है - हमें मुक्ति जीवनमुक्ति मिले। तो तुम जगत अम्बा, जगत पिता के बच्चे सबको मुक्ति-जीवनमुक्ति का रास्ता बताते रहो, यही तुम्हारा धन्धा है।
गीत:- अम्बे तू है जगदम्बे.......
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) पूज्य बनने का पूरा पुरुषार्थ करना है। अपनी पूजा नहीं करानी है। आत्मा और शरीर दोनों पवित्र होंगे तब ही पूज्यनीय लायक बनेंगे।
2) होशियारी से समझदार बन कल्याण की भावना रख सेवा करनी है। दैवीगुणों वाला सच्चा वैष्णव बनना है।
वरदान: ब्राह्मण जन्म की विशेषता को नेचरल नेचर बनाने वाले सहज पुरूषार्थी भव
जैसे किसी का जन्म राज परिवार में हो, तो बार-बार स्मृति में लाते हैं कि मैं राजकुमार या राजकुमारी हूँ, चाहे कर्म रूचि के कारण साधारण भी हो लेकिन अपने जन्म की विशेषता को नहीं भूलते। ऐसे ब्राह्मण जन्म ही विशेष जन्म है, तो जन्म भी श्रेष्ठ, धर्म भी श्रेष्ठ और कर्म भी श्रेष्ठ है। इसी श्रेष्ठता अर्थात् विशेषता की जीवन स्मृति में नेचरल रहे तो सहज पुरूषार्थी बन जायेंगे। विशेष जीवन वाली आत्मायें कभी साधारण कर्म नहीं कर सकती।
स्लोगन: डबल लाइट रहना है तो विघ्न-विनाशक बनो।