Friday, January 2, 2015
Murli-3/1/2015-Hindi
03-01-15 प्रातः मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन
“मीठे बच्चे - पास विद् ऑनर होना है तो श्रीमत पर चलते रहो, कुसंग और माया के तूफानों से अपनी सम्भाल करो |”
प्रश्न:-
बाप ने बच्चों की क्या सेवा की, जो बच्चों को भी करनी है?
उत्तर:-
बाप ने लाडले बच्चे कहकर हीरे जैसा बनाने की सेवा की । ऐसे हम बच्चों को भी अपने मीठे भाइयों को हीरे जैसा बनाना है । इसमें कोई तकलीफ की बात नहीं है, सिर्फ कहना है कि बाप को याद करो तो हीरे जैसा बन जायेंगे ।
प्रश्न:-
बाप ने कौन-सा हुक्म अपने बच्चों को दिया है?
उत्तर:-
बच्चे, तुम सच्ची कमाई करो और कराओ । तुम्हें किसी से भी उधार लेने का हुक्म नहीं है ।
गीत:-
इस पाप की दुनिया से…
ओम् शान्ति |
अच्छा!
मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग । रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. पढ़ाई में कभी गफलत नहीं करनी है । स्वदर्शन चक्रधारी बनकर रहना है । हीरे जैसा बनाने की सेवा करनी है ।
2. सच्ची कमाई करनी और करानी है । अपनी पुरानी सब चीजें एक्सचेंज करनी है । कुसंग से अपनी सम्भाल करनी है ।
वरदान:-
अपने डबल लाइट स्वरूप द्वारा आने वाले विघ्नों को पार करने वाले तीव्र पुरुषार्थी भव !
आने वाले विघ्नों में थकने वा दिलशिकस्त होने के बजाए सेकण्ड में स्वयं के आत्मिक ज्योति स्वरूप और निमित्त भाव के डबल लाइट स्वरूप द्वारा सेकण्ड में हाई जम्प दो । विघ्न रूपी पत्थर को तोड़ने में समय नहीं गॅवाओ । जम्प लगाओ और सेकण्ड में पार हो जाओ । थोड़ी सी विस्मृति के कारण सहज मार्ग को मुश्किल नहीं बनाओ । अपने जीवन की भविष्य श्रेष्ठ मंजिल को स्पष्ट देखते हुए तीव्र पुरूषार्थी बनो । जिस नज़र से बापदादा वा विश्व आपको देख रही है उसी श्रेष्ठ स्वरूप में सदा स्थित रहो ।
स्लोगन:-
सदा खुश रहना और खुशी बाँटना-यही सबसे बड़ा शान है ।