Thursday, January 1, 2015

Murli-2/1/2015-Hindi

मुरली 02 जनवरी 2014 “मीठे बच्चे - तुम्हारी जब कर्मातीत अवस्था होगी तब विष्णुपुरी में जायेंगे, पास विद् ऑनर होने वाले बच्चे ही कर्मातीत बनते हैं |”    प्रश्न:-    तुम बच्चों पर दोनों बाप कौन-सी मेहनत करते हैं? उत्तर:- बच्चे स्वर्ग के लायक बनें । सर्वगुण सम्पन्न, 16 कला सम्पूर्ण बनाने की मेहनत बापदादा दोनों करते हैं । यह जैसे तुम्हें डबल इंजन मिली है । ऐसी वन्डरफुल पढ़ाई पढ़ाते हैं जिससे तुम 21 जन्म की बादशाही पा लेते हो । गीत:- बचपन के दिन भुला न देना…        धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. अन्तिम खूने नाहेक सीन देखने के लिए बहुत-बहुत निर्भय, शिव शक्ति बनना है । सर्वशक्तिमान् बाप की याद से शक्ति लेनी है ।  2. पावन बनकर, पावन बनाने की रूहानी सच्ची सेवा करनी है । डबल अहिंसक बनना है । अन्धों की लाठी बन सबको घर का रास्ता बताना है ।   वरदान:- कल्याणकारी बाप और समय का हर सेकण्ड लाभ उठाने वाले निश्चयबुद्धि, निश्चिंत भव !    जो भी दृश्य चल रहा है उसे त्रिकालदर्शी बनकर देखो, हिम्मत और हुल्लास में रह स्वयं भी समर्थ आत्मा बनो और विश्व को भी समर्थ बनाओ । स्वयं के तूफानों में हिलो मत, अचल बनो । जो समय मिला है, साथ मिला है, अनेक प्रकार के खजाने मिल रहे हैं उनसे सम्पत्तिवान और समर्थीवान बनो । सारे कल्प में ऐसे दिन फिर आने वाले नहीं हैं इसलिए अपनी सब चिंतायें बाप को देकर निश्चयबुद्धि बन सदा निश्चिंत रहो, कल्याणकारी बाप और समय का हर सेकण्ड लाभ उठाओ ।   स्लोगन:-  बाप के संग का रंग लगाओ तो बुराईयां स्वत: समाप्त हो जायेंगी ।      अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए विशेष होमवर्क (2) पूरा ही दिन सर्व के प्रति कल्याण की भावना, सदा स्नेह और सहयोग देने की भावना, हुल्लास बढ़ाने की भावना, अपनेपन की भावना और आत्मिक स्वरुप की भावना रखना है । भावना अव्यक्त स्थिति बनाने का आधार है। ओम् शांति |