Thursday, January 1, 2015

Murli-1/1/2015-Hindi

मुरली 01 जनवरी 2014 “मीठे बच्चे - चुस्त स्टूडेंट बन अच्छे मार्क्स से पास होने का पुरूषार्थ करो, सुस्त स्टूडेंट नहीं बनना, सुस्त वह जिन्हें सारा दिन मित्र-सम्मन्धी याद आते हैं |”    प्रश्न:-    संगमयुग पर सबसे तकदीरवान किसको कहेंगे? उत्तर:- जिन्होंने अपना तन-मन- धन सब सफल किया है वा कर रहे हैं - वो हैं तकदीरवान । कोई-कोई तो बहुत मनहूस होते हैं फिर समझा जाता है तकदीर में नहीं है । समझते नहीं कि विनाश सामने खड़ा है, कुछ तो कर लें । तकदीरवान बच्चे समझते हैं बाप अभी सम्मुख आया है, हम अपना सब-कुछ सफल कर लें । हिम्मत रख अनेकों का भाग्य बनाने के निमित्त बन जायें । गीत:- तकदीर जगा कर आई हूँ… धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. कर्मातीत अवस्था को प्राप्त करने के लिए इस शरीर रूपी दुम को भूल जाना है । एक बाप के सिवाए कोई मित्र-सम्बन्धी आदि याद न आये, यह मेहनत करना है ।  2. श्रीमत पर खुदाई खिदमतगार बनना है । तन-मन- धन सब सफल कर अपनी ऊंच तकदीर बनानी है ।   वरदान:- रीयल्टी द्वारा हर कर्म या बोल में रॉयल्टी दिखलाने वाले फर्स्ट डिवीजन के अधिकारी भव !    रीयल्टी अर्थात् अपने असली स्वरूप की सदा स्मृति, जिससे स्थूल सूरत में भी रॉयल्टी नज़र आयेगी । रीयल्टी अर्थात् एक बाप दूसरा न कोई । इस स्मृति से हर कर्म वा बोल में रॉयल्टी दिखाई देगी । जो भी सम्पर्क में आयेगा उन्हें हर कर्म में बाप समान चरित्र अनुभव होंगे, हर बोल में बाप के समान अथॉर्टी और प्राप्ति की अनुभूति होगी । उनका संग रीयल होने के कारण पारस का काम करेगा । ऐसी रीयल्टी वाली रॉयल आत्मायें ही फर्स्ट डिवीजन के अधिकारी बनती हैं ।   स्लोगन:-  श्रेष्ठ कर्मों का खाता बढ़ाओ तो विकर्मों का खाता समाप्त हो जायेगा ।      इस अव्यक्त मास में अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए विशेष होमवर्क सभी ब्रह्मा वत्स 1 जनवरी से 31 जनवरी 2015 तक विशेष अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए यह प्याइंटस अपने पास नोट करें तथा पूरा दिन इस पर मनन चिंतन करते हुए अनुभवी मूर्त बनें और अन्तर्मुखी रह अव्यक्त वतन की सैर करते रहें । (1) सारा दिन हर आत्मा के प्रति शुभ भावना और श्रेष्ठ भाव को धारण करने का विशेष अटेंशन रख अशुभ भाव को शुभ भाव में, अशुभ भावना को शुभ भावना में परिवर्तन कर खुशनुमा स्थिति में रहना है। ओम् शांति