Sunday, January 11, 2015

Murli-11/1/2015-Hindi

AVYAKT MURLI HINDI 11th JANUARY 2015  रिवाइज 23-01-79 “सदा सुहागिन ही सदा सम्पन्न है”   वरदान:- श्रेष्ठता के आधार पर समीपता द्वारा कल्प की श्रेष्ठ प्रालब्ध बनाने वाले विशेष पार्टधारी भव !इस मरजीवा जीवन में श्रेष्ठता का आधार दो बाते हैं: 1- सदा परोपकारी रहना । 2- बाल ब्रह्मचारी रहना । जो बच्चे इन दोनों बातों में आदि से अन्त तक अखण्ड रहे हैं, किसी भी प्रकार की पवित्रता अर्थात् स्वच्छता बार-बार खण्डित नहीं हुई है तथा विश्व के प्रति और ब्राह्मण परिवार के प्रति जो सदा उपकारी हैं ऐसे विशेष पार्टधारी बापदादा के सदा समीप रहते हैं और उनकी प्रालब्ध सारे कल्प के लिए श्रेष्ठ बन जाती है । स्लोगन:-  संकल्प व्यर्थ हैं तो दूसरे सब खजाने भी व्यर्थ हो जाते हैं । Om Shanti