मीठे बच्चे - एक बाप की याद में रहना ही अव्यभिचारी याद है, इस
प्रश्न:- बाप जो समझाते हैं उसे कोई सहज मान लेते, कोई मुश्किल
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस अनादि अविनाशी बने-बनाये ड्रामा में हरेक के पार्ट को देही-अभिमानी
2) माया से हारना नहीं है। याद की अग्नि से पापों का नाश कर आत्मा को
वरदान:- दृढ़ता की शक्ति से मन-बुद्धि को सीट पर सेट करने वाले सहजयोगी भव
बच्चों का बाप से प्यार है इसलिए याद में शक्तिशाली हो बैठने का, चलने का,
स्लोगन:- जो भी शक्तियां हैं उन्हें समय पर यूज़ करो तो बहुत अच्छे-अच्छे अनुभव होंगे।
याद से तुम्हारे पाप कट सकते हैं''
प्रश्न:- बाप जो समझाते हैं उसे कोई सहज मान लेते, कोई मुश्किल
समझते - इसका कारण क्या है?
उत्तर:- जिन बच्चों ने बहुत समय भक्ति की है, आधाकल्प से पुराने भक्त
उत्तर:- जिन बच्चों ने बहुत समय भक्ति की है, आधाकल्प से पुराने भक्त
हैं, वह बाप की हर बात को सहज मान लेते हैं क्योंकि उन्हें भक्ति का फल
मिलता है। जो पुराने भक्त नहीं उन्हें हर बात समझने में मुश्किल लगता।
दूसरे धर्म वाले तो इस ज्ञान को समझ भी नहीं सकते।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस अनादि अविनाशी बने-बनाये ड्रामा में हरेक के पार्ट को देही-अभिमानी
बन, साक्षी होकर देखना है। अपने स्वीट होम और स्वीट राजधानी को
याद करना है, इस पुरानी दुनिया को बुद्धि से भूल जाना है।
2) माया से हारना नहीं है। याद की अग्नि से पापों का नाश कर आत्मा को
पावन बनाने का पुरूषार्थ करना है।
वरदान:- दृढ़ता की शक्ति से मन-बुद्धि को सीट पर सेट करने वाले सहजयोगी भव
बच्चों का बाप से प्यार है इसलिए याद में शक्तिशाली हो बैठने का, चलने का,
सेवा करने का अटेन्शन बहुत देते हैं लेकिन मन पर अगर पूरा कन्ट्रोल नहीं है,
मन आर्डर में नहीं है तो थोड़ा टाइम अच्छा बैठते हैं फिर हिलना डुलना शुरू कर
देते हैं। कभी सेट होते कभी अपसेट। लेकिन एकाग्रता की वा दृढ़ता की शक्ति से
मन-बुद्धि को एकरस स्थिति की सीट पर सेट कर दो तो सहजयोगी बन जायेंगे।
स्लोगन:- जो भी शक्तियां हैं उन्हें समय पर यूज़ करो तो बहुत अच्छे-अच्छे अनुभव होंगे।