मीठे बच्चे - सर्वशक्तिमान् बाप आया है तुम्हें शक्ति देने, जितना याद में रहेंगे
प्रश्न:- इस ड्रामा में सबसे अच्छे ते अच्छा पार्ट तुम बच्चों का है - कैसे?
उत्तर:- तुम बच्चे ही बेहद के बाप के बनते हो। भगवान टीचर बनकर तुम्हें ही
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ज्ञान को बुद्धि में अच्छी रीति धारण कर अनेक आत्माओं को प्राण दान देना है,
2) इस स्वीट संगम पर अपनी कमाई के साथ-साथ बाप की श्रीमत पर चल पूरा
वरदान:- स्नेह की उड़ान द्वारा सदा समीपता का अनुभव करने वाले स्नेही मूर्त भव
सभी बच्चों में बापदादा का स्नेह समाया हुआ है, स्नेह की शक्ति से सभी आगे
स्लोगन:- अपनी नज़रों में बाप को समा लो तो माया की नज़र से बच जायेंगे।
उतना शक्ति मिलती रहेगी''
प्रश्न:- इस ड्रामा में सबसे अच्छे ते अच्छा पार्ट तुम बच्चों का है - कैसे?
उत्तर:- तुम बच्चे ही बेहद के बाप के बनते हो। भगवान टीचर बनकर तुम्हें ही
पढ़ाते हैं तो भाग्यशाली हुए ना। विश्व का मालिक तुम्हारा मेहमान बनकर
आया है, वह तुम्हारे सहयोग से विश्व का कल्याण करते हैं। तुम बच्चों ने
बुलाया और बाप आया, यही है दो हाथ की ताली। अभी बाप से तुम बच्चों
को सारे विश्व पर राज्य करने की शक्ति मिलती है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ज्ञान को बुद्धि में अच्छी रीति धारण कर अनेक आत्माओं को प्राण दान देना है,
स्वदर्शन चक्रधारी बनना है।
2) इस स्वीट संगम पर अपनी कमाई के साथ-साथ बाप की श्रीमत पर चल पूरा
वर्सा लेना है। अपनी लाइफ सदा सुखी बनानी है।
वरदान:- स्नेह की उड़ान द्वारा सदा समीपता का अनुभव करने वाले स्नेही मूर्त भव
सभी बच्चों में बापदादा का स्नेह समाया हुआ है, स्नेह की शक्ति से सभी आगे
उड़ते जा रहे हैं। स्नेह की उड़ान तन वा मन से, दिल से बाप के समीप ले आती
है। भल ज्ञान योग धारणा में सब यथाशक्ति नम्बरवार हैं लेकिन स्नेह में हर
एक नम्बरवन हैं। यह स्नेह ही ब्राह्मण जीवन प्रदान करने का मूल आधार है।
स्नेह का अर्थ है पास रहना, पास होना और हर परिस्थिति को बहुत सहज पास करना।
स्लोगन:- अपनी नज़रों में बाप को समा लो तो माया की नज़र से बच जायेंगे।