Wednesday, September 3, 2014

Murli-(3-09-2014)-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - तुम जितना समय बाप की याद में रहेंगे उतना समय कमाई ही 
कमाई है, याद से ही तुम बाप के समीप आते जायेंगे'' 

प्रश्न:- जो बच्चे याद में नहीं रह सकते हैं, उन्हें किस बात में लज्जा आती है? 
उत्तर:- अपना चार्ट रखने में उन्हें लज्जा आती। समझते हैं सच लिखेंगे तो बाबा क्या कहेंगे। 
लेकिन बच्चों का कल्याण इसमें ही है कि सच्चा-सच्चा चार्ट लिखते रहें। चार्ट लिखने में बहुत 
फायदे हैं। बाबा कहते-बच्चे, इसमें लज्जा मत करो। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) 21 जन्मों के लिए पद्मों की कमाई जमा करने के लिए डायरेक्ट ईश्वरीय सेवा में सब कुछ 
सफल करना है। ट्रस्टी बन शिवबाबा के नाम पर सेवा करनी है। 

2) याद में जितना समय बैठते, उतना समय बुद्धि कहाँ-कहाँ गई-यह चेक करना है। अपना 
सच्चा-सच्चा पोतामेल रखना है। नर से नारायण बनने के लिए बाप और वर्से की याद में रहना है। 

वरदान:- दाता की देन को स्मृति में रख सर्व लगावों से मुक्त रहने वाले, आकर्षणमुक्त भव 

कई बच्चे कहते हैं कि इनसे मेरा कोई लगाव नहीं है, परन्तु इनका यह गुण बहुत अच्छा है या 
इनमें सेवा की विशेषता बहुत है। लेकिन किसी व्यक्ति या वैभव के तरफ बार-बार संकल्प जाना 
भी आकर्षण है। किसी की भी विशेषता को देखते, गुणों को वा सेवा को देखते दाता को नहीं भूलो। 
यह दाता की देन है - यह स्मृति लगावों से मुक्त, आकर्षणमुक्त बना देगी। किसी पर भी प्रभावित 
नहीं होंगे। 

स्लोगन:- ऐसे रूहानी सोशल वर्कर बनो जो भटकती हुई आत्मा को ठिकाना दे दो, भगवान से मिला दो।