Tuesday, August 26, 2014

Murli-(26-08-2014)-Hindi

मुरली सार:- “मीठे बच्चे - कामकाज करते हुए भी एक बाप की याद रहे, चलते-फिरते बाप और घर 
को याद करो, यही तुम्हारी बहादुरी है” 

प्रश्न:- बाप का रिगॉर्ड और डिस रिगॉर्ड कब और कैसे होता है? 
उत्तर:- जब तुम बच्चे बाप को अच्छी तरह याद करते हो तब रिगार्ड देते हो। अगर कहते याद करने 
की फुर्सत नहीं है तो यह भी जैसे डिसरिगार्ड है। वास्तव में यह बाप का डिसरिगार्ड नहीं करते, यह 
तो अपना ही डिसरिगार्ड करते हो इसलिए नामीग्रामी केवल भाषण में नहीं लेकिन याद की यात्रा में 
बनो, याद का चार्ट रखो। याद से ही आत्मा सतोप्रधान बनेगी। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) सर्वशक्तिमान् बाप से शक्ति लेने के लिए याद का चार्ट बढ़ाना है। याद की भिन्न-भिन्न युक्तियाँ 
रचनी है। एकान्त में बैठ विशेष कमाई जमा करनी है। 

2) सतोप्रधान बनने का ओना रखना है। गफ़लत नहीं करनी है। अहंकार में नहीं आना है। सर्विस 
का शौक भी रखना है, साथ-साथ याद की यात्रा पर भी रहना है। 

वरदान:- एक बाबा शब्द की स्मृति से याद और सेवा में रहने वाले सच्चे योगी, सच्चे सेवाधारी भव 

आप बच्चे मुख से वा मन से बार-बार बाबा शब्द कहते हो, बच्चे हो तो बाबा शब्द याद आना या 
सोचना ही योग है और मुख से बार-बार कहना कि बाबा ऐसे कहते हैं, बाबा ने ये कहा - यही सेवा 
है। लेकिन इस बाबा शब्द को कोई दिल से कहने वाले हैं कोई नॉलेज के दिमाग से। जो दिल से 
कहते हैं उन्हें दिल में सदा प्रत्यक्ष प्राप्ति खुशी और शक्ति मिलती है। दिमाग वालों को बोलने 
समय खुशी होती सदाकाल की नहीं। 

स्लोगन:- परमात्मा रूपी शमा पर फिदा होने ही सच्चे परवाने हैं।