मुरली सार:- “मीठे बच्चे - अब वापिस घर जाना है इसलिए बाप को याद करने और
प्रश्न:- अज्ञान नींद में सुलाने वाली बात कौन-सी है? उससे नुकसान क्या हुआ है?
उत्तर:- कल्प की आयु लाखों वर्ष कहना, यही अज्ञान की नींद में सुलाने वाली बात है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) नर से नारायण पद प्राप्त करने के लिए बेहद के बाप से बेहद का पाठ पढ़कर दूसरों को
2) लोभ, मोह की जो रगें हैं उनको निकालने की मेहनत करनी है। अपने चरित्र को ऐसा
वरदान:- अपने संकल्पों को शुद्ध, ज्ञान स्वरूप और शक्ति स्वरूप बनाने वाले सम्पूर्ण पवित्र भव
बाप समान बनने के लिए पवित्रता का फाउन्डेशन पक्का करो। फाउन्डेशन में ब्रह्मचर्य व्रत
स्लोगन:- दृष्टि में सबके प्रति रहम और शुभ भावना हो तो अभिमान वा अपमान का अंश भी
अपने चरित्र को सुधारने की मेहनत करो”
प्रश्न:- अज्ञान नींद में सुलाने वाली बात कौन-सी है? उससे नुकसान क्या हुआ है?
उत्तर:- कल्प की आयु लाखों वर्ष कहना, यही अज्ञान की नींद में सुलाने वाली बात है।
इससे ज्ञान नेत्रहीन हो गये हैं। घर को बहुत दूर समझते हैं। बुद्धि में है अभी तो लाखों
वर्ष यहाँ ही सुख-दु:ख का पार्ट बजाना है इसलिए पावन बनने की मेहनत नहीं करते हैं।
तुम बच्चे जानते हो अभी घर बहुत नज़दीक है। अब हमें मेहनत करके कर्मातीत बनना है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) नर से नारायण पद प्राप्त करने के लिए बेहद के बाप से बेहद का पाठ पढ़कर दूसरों को
पढ़ाना है। आप समान बनाने की सेवा करनी है।
2) लोभ, मोह की जो रगें हैं उनको निकालने की मेहनत करनी है। अपने चरित्र को ऐसा
सुधारना है जो कोई भूत अन्दर प्रवेश होने न पाये।
वरदान:- अपने संकल्पों को शुद्ध, ज्ञान स्वरूप और शक्ति स्वरूप बनाने वाले सम्पूर्ण पवित्र भव
बाप समान बनने के लिए पवित्रता का फाउन्डेशन पक्का करो। फाउन्डेशन में ब्रह्मचर्य व्रत
धारण करना ये तो कॉमन बात है, सिर्फ इसमें खुश नहीं हो जाओ। दृष्टि वृत्ति की पवित्रता
को और भी अन्डरलाइन करो, साथ-साथ अपने संकल्पों को शुद्ध, ज्ञान स्वरूप, शक्ति स्वरूप
बनाओ। संकल्प में अभी बहुत कमजोरी है। इस कमजोरी को भी समाप्त करो तब कहेंगे
सम्पूर्ण पवित्र आत्मा।
स्लोगन:- दृष्टि में सबके प्रति रहम और शुभ भावना हो तो अभिमान वा अपमान का अंश भी
नहीं आ सकता।