मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - बाबा आया है तुम्हें ज्ञान रत्न देने, मुरली सुनाने,
प्रश्न:- सबसे अच्छा कैरेक्टर कौन-सा है, जो तुम इस नॉलेज से धारण करते हो?
उत्तर:- वाइसलेस बनना यह सबसे अच्छा कैरेक्टर है। तुम्हें नॉलेज मिलती है
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हमारा बाप, सुप्रीम बाप, सुप्रीम टीचर, सुप्रीम सतगुरू है - यह बात सबको
2) ज्ञान अर्थात् सृष्टि चक्र की नॉलेज को धारण कर स्वदर्शन चक्रधारी बनना है
वरदान:- देह-भान से न्यारे बन परमात्म प्यार का अनुभव करने वाले कमल
कमल आसन ब्राह्मण आत्माओं के श्रेष्ठ स्थिति की निशानी है। ऐसी कमल आसनधारी
स्लोगन:- आपकी विशेषतायें वा गुण प्रभु प्रसाद हैं, उन्हें मेरा मानना ही देह-अभिमान है।
इसलिए तुम्हें कभी भी मुरली मिस नहीं करनी है, मुरली से प्यार नहीं तो
बाप से प्यार नहीं''
प्रश्न:- सबसे अच्छा कैरेक्टर कौन-सा है, जो तुम इस नॉलेज से धारण करते हो?
उत्तर:- वाइसलेस बनना यह सबसे अच्छा कैरेक्टर है। तुम्हें नॉलेज मिलती है
कि यह सारी दुनिया विशश है, विशश माना ही कैरेक्टरलेस। बाप आया है
वाइसलेस वर्ल्ड स्थापन करने। वाइसलेस देवतायें कैरेक्टर वाले हैं। कैरेक्टर
सुधरते हैं बाप की याद से।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हमारा बाप, सुप्रीम बाप, सुप्रीम टीचर, सुप्रीम सतगुरू है - यह बात सबको
सुनानी है। अल्फ और बे की पढ़ाई पढ़ानी है।
2) ज्ञान अर्थात् सृष्टि चक्र की नॉलेज को धारण कर स्वदर्शन चक्रधारी बनना है
और विज्ञान अर्थात् आवाज़ से परे शान्ति में जाना है। 7 रोज़ का कोर्स लेकर
फिर कहाँ भी रहते पढ़ाई करनी है।
वरदान:- देह-भान से न्यारे बन परमात्म प्यार का अनुभव करने वाले कमल
आसनधारी भव
कमल आसन ब्राह्मण आत्माओं के श्रेष्ठ स्थिति की निशानी है। ऐसी कमल आसनधारी
आत्मायें इस देहभान से स्वत: न्यारी रहती हैं। उन्हें शरीर का भान अपनी तरफ
आकर्षित नहीं करता। जैसे ब्रह्मा बाप को चलते फिरते फरिश्ता रूप वा देवता रूप
सदा स्मृति में रहा। ऐसे नेचुरल देही-अभिमानी स्थिति सदा रहे इसको कहते हैं
देह-भान से न्यारे। ऐसे देह-भान से न्यारे रहने वाले ही परमात्म प्यारे बन जाते हैं।
स्लोगन:- आपकी विशेषतायें वा गुण प्रभु प्रसाद हैं, उन्हें मेरा मानना ही देह-अभिमान है।