Sunday, July 20, 2014

Murli-[20-7-2014]-Hindi

20-07-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइजः 27-11-78 मधुबन 
``अल्पकाल के नाम और मान से न्यारे ही सर्व के प्यारे बन सकते हैं'' 


वरदान:- अविनाशी उमंग-उत्साह द्वारा तूफ़ान को तोहफा बनाने वाले श्रेष्ठ ब्राह्मण आत्मा भव 

उमंग-उत्साह ही ब्राह्मणों की उड़ती कला के पंख हैं। इन्हीं पंखों से सदा उड़ते रहो। यह 
उमंग-उत्साह आप ब्राह्मणों के लिए बड़े से बड़ी शक्ति है। नीरस जीवन नहीं है। 
उमंग-उत्साह का रस सदा है। उमंग-उत्साह मुश्किल को भी सहज कर देता है, वे कभी 
दिलशिकस्त नहीं हो सकते। उत्साह तूफान को तोहफा बना देता है, उत्साह किसी भी 
परीक्षा वा समस्या को मनोरंजन अनुभव कराता है। ऐसे अविनाशी उमंग-उत्साह में
रहने वाले ही श्रेष्ठ ब्राह्मण हैं। 

स्लोगन:- शान्ति की वासधूप जगाकर रखो तो अशान्ति की बांस समाप्त हो जायेगी।