Sunday, July 13, 2014

Murli-[13-7-2014]-Hindi

13-07-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:14-11-78 मधुबन 

वक्त की पुकार 

वरदान:- एकाग्रता की शक्ति से परवश स्थिति को परिवर्तन करने वाले अधिकारी आत्मा भव 

ब्राह्मण अर्थात् अधिकारी आत्मा कभी किसी के परवश नहीं हो सकती। अपने कमजोर स्वभाव 
संस्कार के वश भी नहीं क्योंकि स्वभाव अर्थात् स्व प्रति और सर्व के प्रति आत्मिक भाव है तो 
कमजोर स्वभाव के वश नहीं हो सकते और अनादि आदि संस्कारों की स्मृति से कमजोर 
संस्कार भी सहज परिवर्तन हो जाते हैं। एकाग्रता की शक्ति परवश स्थिति को परिवर्तन कर 
मालिकपन की स्थिति की सीट पर सेट कर देती है। 

स्लोगन:- ज्ञान मूर्त और गुणमूर्त दोनों के बैलेन्स से प्रजा और वारिस तैयार करो।