Saturday, April 5, 2014

Murli-[5-4-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - बाप आये हैं सारी दुनिया का हाहाकार मिटाकर, जयजयकार करने - 
पुरानी दुनिया में है हाहाकार, नई दुनिया में है जयजयकार'' 

प्रश्न:- कौन-सा ईश्वरीय नियम है जो गरीब ही बाप का पूरा वर्सा लेते, साहूकार नहीं ले पाते? 
उत्तर:- ईश्वरीय नियम है - पूरा बेगर बनो, जो कुछ भी है उसे भूल जाओ। तो गरीब बच्चे सहज 
ही भूल जाते हैं परन्तु साहूकार जो अपने को स्वर्ग में समझते हैं उनकी बुद्धि में कुछ भूलता 
नहीं इसलिए जिनको धन, दौलत, मित्र, सम्बन्धी याद रहते वह सच्चे योगी बन ही नहीं 
सकते हैं। उन्हें स्वर्ग में ऊंच पद नहीं मिल सकता। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) बाप का पूरा मददगार बनने के लिए सयाना, समझदार बनना है। अन्दर कोई खिटपिट न हो।
 
2) स्थापना और विनाश के कर्तव्य को देखते हुए पूरा निश्चयबुद्धि बन बाप को फालो करना है। 
पुरानी दुनिया के पाई-पैसे से, बुद्धि निकाल पूरा बेगर बनना है। मित्र-सम्बन्धी, धन-दौलत 
आदि सब कुछ भूल जाना है। 

वरदान:- उमंग-उत्साह के संकल्प द्वारा जमा का खाता बढ़ाने वाले सम्पूर्ण वर्से के अधिकारी भव 

बापदादा से सम्पूर्ण वर्से का अधिकार लेने के लिए स्वयं को उमंग-उत्साह में लाओ। अपने आपसे 
रेस करो, अभी जमा करने का समय है इसलिए दृढ़ संकल्प करो कि मुझे अपने जमा का खाता 
बढ़ाना ही है। सिर्फ समय और संकल्प की बचत करते चलो, व्यर्थ और साधारण संकल्प न हों 
तो जमा का खाता बढ़ता जायेगा फिर उसी प्रमाण सारे कल्प में राज्य भी करेंगे और पूज्य भी बनेंगे। 

स्लोगन:- स्वप्न वा संकल्प की पवित्रता ही सबसे बड़े से बड़ी पर्सनैलिटी है।