Thursday, April 3, 2014

Murli-[31-3-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - घड़ी-घड़ी बाप और वर्से को याद करो, बाप रूहानी सर्जन तुम्हें 
निरोगी बनने की एक ही दवा बताते - बच्चे, मुझे याद करो'' 

प्रश्न:- अपने आपसे कौन-सी बातें करो तो बहुत मजा आयेगा? 
उत्तर:- अपने आपसे बातें करो - इन आंखों से जो कुछ देखते हैं यह तो सब खत्म हो जाना है। 
बस, हम और बाबा ही रहेंगे। मीठा बाबा हमको स्वर्ग का मालिक बना देते हैं। ऐसी-ऐसी 
बातें करो। एकान्त में चले जाओ तो बहुत मजा आयेगा। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) एकान्त में बैठ बाप को याद कर कमाई जमा करनी है। अपने अन्दर चेक करना है-याद 
के समय मन भागता तो नहीं है? हम कितना समय स्वीट बाप को याद करते हैं? 

2) सदा इसी खुशी में रहना है कि हमें बाबा ने रावण के पिंजड़े से मुक्त कर दिया, अभी हम 
ऐसी दुनिया में जा रहे हैं जहाँ न गर्मी है, न सर्दी। जहाँ सदा ही बसन्त ऋतु है। 

वरदान:- ``पहले आप'' के मन्त्र द्वारा सर्व का स्वमान प्राप्त करने वाले निर्मान सो महान भव 

यही महामन्त्र सदा याद रहे कि ``निर्मान ही सर्व महान है''। ``पहले आप'' करना ही सर्व 
से स्वमान प्राप्त करने का आधार है। महान बनने का यह मन्त्र वरदान रूप में सदा साथ 
रखना। वरदानों से ही पलते, उड़ते मंजिल पर पहुंचना। मेहनत तब करते हो जब वरदानों 
को कार्य में नहीं लगाते। अगर वरदानों से पलते रहो, वरदानों को कार्य में लगाते रहो तो 
मेहनत समाप्त हो जायेगी। सदा सफलता और सन्तुष्टता का अनुभव करते रहेंगे। 

स्लोगन:- सूरत द्वारा सेवा करने के लिए अपना मुस्कराता हुआ रमणीक और गम्भीर 
स्वरूप इमर्ज करो।