Sunday, June 9, 2013

Murli [9-06-2013]-Hindi

09-06-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:10-01-77 मधुबन 

जैसा लक्ष्य वैसा लक्षण 

09-06-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:12-01-77 मधुबन 

संगमयुग पर 'बालक सो मालिक' बनने वालों के तीनों कालों का साक्षात्कार 

वरदान:- एकव्रता के राज़ को जान वरदाता को राज़ी करने वाले सर्व सिद्धि स्वरूप भव 

वरदाता बाप के पास अखुट वरदान हैं जो जितना लेने चाहे खुला भण्डार है। ऐसे खुले भण्डार से 
कई बच्चे सम्पन्न बनते हैं और कोई यथा-शक्ति सम्पन्न बनते हैं। सबसे ज्यादा झोली भरकर 
देने में भोलानाथ वरदाता रूप ही है, सिर्फ उसको राज़ी करने की विधि को जान लो तो सर्व सिद्धियां 
प्राप्त हो जायेंगी। वरदाता को एक शब्द सबसे प्रिय लगता है - एकव्रता। संकल्प, स्वप्न में भी 
दूजा-व्रता न हो। वृत्ति में रहे मेरा तो एक दूसरा न कोई, जिसने इस राज़ को जाना, उसकी 
झोली वरदानों से भरपूर रहती है। 

स्लोगन:- मन्सा और वाचा दोनों सेवायें साथ-साथ करो तो डबल फल प्राप्त होता रहेगा।