मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-तुम ज्ञान सागर बाप के पास आते हो - सम्मुख मिलन मनाने, बादल भरने,
प्रश्न:- गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए किस विधि से चलते रहो तो एवरहेल्दी बन जायेंगे?
उत्तर:- एवरहेल्दी बनने के लिए सदैव बाबा-बाबा करते रहो। तुम्हीं से खाऊं, तुम्ही संग घूमूं....
गीत:- दूर देश का रहने वाला....
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ऊंची मंजिल पर जाने के लिए बाप-टीचर-गुरू के रूप में हमें तीन इन्जन मिले हैं-सदा इसी
2) बुद्धि से सब कुछ बाप हवाले कर उनकी परवरिश के नीचे पलना है। बहुत मीठा पावन बनना है।
स्लोगन:- सफलतामूर्त बनना है तो स्व सेवा और औरों की सेवा साथ-साथ करो।
तुम यहाँ कोई तीर्थ करने वा पहाड़ी की हवा खाने नहीं आते हो।''
प्रश्न:- गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए किस विधि से चलते रहो तो एवरहेल्दी बन जायेंगे?
उत्तर:- एवरहेल्दी बनने के लिए सदैव बाबा-बाबा करते रहो। तुम्हीं से खाऊं, तुम्ही संग घूमूं....
सब कुछ बुद्धि से बाप हवाले कर दो। ऐसा समझकर चलो कि हम शिवबाबा की परवरिश के अन्दर
पल रहे हैं। किसी भी चीज़ में ममत्व न रहे। अर्पण करके उसके हुक्म से खाओ तो सब पवित्र हो
जायेगा और तुम एवरहेल्दी बन जायेंगे।
गीत:- दूर देश का रहने वाला....
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) ऊंची मंजिल पर जाने के लिए बाप-टीचर-गुरू के रूप में हमें तीन इन्जन मिले हैं-सदा इसी
स्मृति से आगे बढ़ना है।
2) बुद्धि से सब कुछ बाप हवाले कर उनकी परवरिश के नीचे पलना है। बहुत मीठा पावन बनना है।
पतितपने का कड़ुवापन निकाल देना है
वरदान:- ब्रह्मा बाप को फॉलो कर फर्स्ट ग्रेड में आने वाले समान भव
सभी बच्चों का ब्रह्मा बाप से बहुत प्यार है, प्यार की निशानी है समान बनना। इसमें सदा यही लक्ष्य रखो
कि पहले मैं ईष्या वश पहले मैं नहीं, वह नुकसान करता है। लेकिन फॉलो फादर करने में पहले मैं कहा और
किया तो फर्स्ट के साथ में आप भी फर्स्ट हो जायेंगे। जैसे ब्रह्मा बाप नम्बरवन बनें ऐसे फॉलो करने वाले भी
नम्बरवन का लक्ष्य रखो। ओटे सो अव्वल अर्जुन, सबको फर्स्ट में आने का चांस है। फर्स्ट ग्रेड बेहद में है कम नहीं।
स्लोगन:- सफलतामूर्त बनना है तो स्व सेवा और औरों की सेवा साथ-साथ करो।