Friday, June 28, 2013

Murli [28-06-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-तुम्हें बापदादा की श्रीमत के डायरेक्शन पर चल देही-अभिमानी बनना है, 
चित्र को देखते हुए भी विचित्र बाप को याद करना है'' 

प्रश्न:- किस एक बलिहारी के कारण तुम बच्चे लकी स्टार्स गाये हुए हो? 
उत्तर:- पवित्रता की बलिहारी के कारण। तुम इस अन्तिम जन्म में पवित्र बन भारत को पवित्र बनाने 
की सेवा करते हो, इसलिए तुम लकी स्टार्स, देवताओं से भी ऊंच हो। तुम्हारा यह जन्म हीरे जैसा है। 
तुम बहुत ऊंच सेवाधारी हो। ब्रह्मा की आत्मा इस समय श्रीकृष्ण से भी ऊंच है, क्योंकि वह बाप की
बनी है। श्रीकृष्ण तो प्रालब्ध भोगते हैं। 

गीत:- आने वाले कल की तुम तस्वीर हो ..... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) बुद्धि को रोज ज्ञान का भोजन दे, शक्तिशाली बनाना है। योग से बुद्धि रूपी बर्तन पवित्र बनाना है। 

2) ''हमने विचित्र बाप का हाथ पकड़ा है''-इस निश्चय से घड़ी-घड़ी बाप को याद करना है। 
कोई को भी दु:ख नहीं देना है। 

वरदान:- शीतला देवी बन सर्व कर्मेन्द्रियों को शीतल शान्त बनाने वाले स्वराज्य अधिकारी भव 

जो स्वराज्य अधिकारी बच्चे हैं, उन्हें कोई भी कर्मेन्द्रिय धोखा नहीं दे सकती। जब धोखा देने की 
चंचलता समाप्त हो जाती है तब स्वयं शीतला देवी बन जाते और सब कर्मेन्द्रियां भी शीतल हो जाती। 
शीतला देवी में कभी क्रोध नहीं आता। कई कहते हैं क्रोध नहीं है, थोड़ा रोब तो रखना पड़ता है। लेकिन 
रोब भी क्रोध का अंश है। तो जहाँ अंश है वहाँ वंश पैदा हो जाता है। तो शीतला देवी और शीतल देव हो 
इसलिए स्वप्न में भी क्रोध वा रोब का संस्कार इमर्ज न हो। 

स्लोगन:- आज्ञाकारी बच्चे स्वत: आशीर्वाद के पात्र होते हैं, उन्हें आशीर्वाद मांगने की दरकार नहीं।