Friday, June 21, 2013

Murli [21-06-2013]-Hindi

मुरली सार:- मीठे बच्चे- सोई हुई तकदीर को जगाने का साधन है पढ़ाई, यह पढ़ाई ही सोर्स आफ इन्कम है, 
जिससे 21 जन्मों के लिए तकदीर जग जाती है 

प्रश्न:- इस रूहानी कॉलेज की एक विशेषता सुनाओ जो दुनिया में किसी कॉलेज की नहीं हो सकती? 
उत्तर:- यही एक कॉलेज है जहाँ कोई मनुष्य गुरू, टीचर नहीं है। स्वयं निराकार भगवान टीचर बनकर पढ़ाते हैं। 
यह ऐसा विचित्र बाप है, जिसे अपना कोई चित्र नहीं, अपना कोई बाप व टीचर नहीं और पढ़ाई भी ऐसी पढ़ाते हैं, 
जिससे 21 जन्मों के लिए तकदीर जग जाती है। उस पढ़ाई से तो एक जन्म की ही तकदीर बनती, इससे 21 
जन्मों की बनती है। 

गीत:- तकदीर जगाकर आई हूँ ... 

धारणा के लिये मुख्य सार:- 

1) पढ़ाई पर पूरा ध्यान देकर 21 जन्मों के लिए अपनी तकदीर बनानी है। एक बाप की मत पर चल अपना 
खाना आबाद करना है। 

2) आत्म-अभिमानी बनना है। याद की यात्रा से आत्मा को सम्पूर्ण पावन बनाना है। 

वरदान:- मन की खुशी द्वारा बीमारियों को दूर भगाने वाले एवरहेल्दी भव 

कहा जाता - मन खुश तो जहान खुश, मन की बीमारी से शरीर भी पीला हो जाता है। मन ठीक होगा तो 
शरीर का रोग भी महसूस नहीं होगा। चाहे शरीर बीमार भी हो तो भी मनदुरूस्त है क्योंकि आपके पास 
खुशी की खुराक बहुत बढ़िया है। यह खुराक बीमारी को भगा देती है, भुला देती है। तो मन खुश, जहान 
खुश, जीवन खुश, इसलिए एवरहेल्दी हो। 

स्लोगन:- समय के महत्व को जान लो तो सर्व खजानों से सम्पन्न बन जायेंगे।