मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-जैसे बाप को सभी पर तरस आता, नफ़रत नहीं आती,
प्रश्न:- रहमदिल बाप का सारे विश्व के प्रति एक ही प्लैन है, वह कौन सा?
उत्तर:- सभी मनुष्य आत्माओं को तत्वों सहित पतित से पावन बनाना, मुक्ति
गीत:- कौन आया मेरे मन के द्वारे...
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अच्छी रीति पढ़कर, श्रीमत पर चल पावन बन अपने आप पर रहम करना है।
2) किसी से भी नफ़रत या घृणा नहीं करनी है। बाप समान प्यार का सागर बनना है।
वरदान:- जीवन में दिव्यगुणों के फूलों की फुलवाड़ी द्वारा खुशहाली का अनुभव
सदा खुशहाल अर्थात् भरपूर, सम्पन्न। पहले कांटों के जंगल में जीवन थी अभी
स्लोगन:- मास्टर सर्वशक्तिमान वह है जो माया के बुदबुदों से डरने के बजाए
ऐसे तुम बच्चे भी किसी से नफरत मत करो, रहमदिल बनो।''
प्रश्न:- रहमदिल बाप का सारे विश्व के प्रति एक ही प्लैन है, वह कौन सा?
उत्तर:- सभी मनुष्य आत्माओं को तत्वों सहित पतित से पावन बनाना, मुक्ति
और जीवन्मुक्ति का वर्सा देना। यह एक ही प्लैन बाप का है। तुम बच्चे बाप के
मददगार हो। तुम्हें पहले अपने पर रहम करना है। श्रीमत पर चल अपने को
पावन बनाना है। फिर सभी को विकारों रूपी गन्दगी से निकालने की सेवा करनी है।
गीत:- कौन आया मेरे मन के द्वारे...
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अच्छी रीति पढ़कर, श्रीमत पर चल पावन बन अपने आप पर रहम करना है।
कभी भी बेरहमी नहीं बनना है।
2) किसी से भी नफ़रत या घृणा नहीं करनी है। बाप समान प्यार का सागर बनना है।
वरदान:- जीवन में दिव्यगुणों के फूलों की फुलवाड़ी द्वारा खुशहाली का अनुभव
करने वाले एवरहैप्पी भव
सदा खुशहाल अर्थात् भरपूर, सम्पन्न। पहले कांटों के जंगल में जीवन थी अभी
फूलों की खुशहाली में आ गये। सदा जीवन में दिव्यगुणों के फूलों की फुलवाड़ी
लगी हुई है, इसलिए जो भी आपके सम्पर्क में आयेगा उसे दिव्यगुणों के फूलों की
खुशबू आती रहेगी और खुशहाली देख करके खुश होंगे, शक्ति का अनुभव करेंगे।
खुशहाली औरों को भी शक्तिशाली बनाती और खुशी में लाती है इसलिए आप
कहते हो कि हम एवरहैप्पी हैं।
स्लोगन:- मास्टर सर्वशक्तिमान वह है जो माया के बुदबुदों से डरने के बजाए
उनसे खेलने वाले हैं।