Sunday, June 16, 2013

Murli [16-06-2013]-Hindi

16-06-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:16-01-77 मधुबन 
सन्तुष्ट आत्मा ही अनेक आत्माओं का इष्ट बन सकती है 


16-06-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:18-01-77 मधुबन 
18 जनवरी का विशेष महत्व 

वरदान:- अपने आदि अनादि स्वरूप की स्मृति द्वारा सर्व बन्धनों को समाप्त करने वाले बन्धनमुक्त 
स्वतन्त्र भव 

आत्मा का आदि अनादि स्वरूप स्वतन्त्र है। मालिक है। यह तो पीछे परतन्त्र बनी है इसलिए अपने 
आदि और अनादि स्वरूप को स्मृति में रख बन्धनमुक्त बनो। मन का भी बन्धन न हो। अगर मन 
का भी बन्धन होगा तो वह बन्धन और बन्धनों को ले आयेगा। बन्धनमुक्त अर्थात् राजा, स्वराज्य 
अधिकारी। ऐसे बन्धनमुक्त स्वतन्त्र आत्मायें ही पास विद आनर बनेंगी अर्थात् फर्स्ट डिवीज़न में 
आयेंगी। 

स्लोगन:- मास्टर दु:ख हर्ता बन दु:ख को भी रूहानी सुख में परिवर्तन करना ही सच्ची सेवा है।