मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - इस समय तुम सबकी वानप्रस्थ अवस्था है, तुम्हें वाणी से परे अब वापिस
प्रश्न:- 21 जन्म सुख मिलने का आधार क्या है?
उत्तर:- 63 जन्मों की भक्ति। जिन्होंने पहले-पहले सतोप्रधान भक्ति की है अर्थात् जो पुराने अनेक जन्म
गीत:- माता ओ माता तू है सबकी भाग्य विधाता....
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस बने बनाये ड्रामा पर चलते रहना है। ज्ञान का सिमरण कर स्वदर्शन चक्रधारी बनना है।
2) भक्तों को भगवान् का सत्य परिचय देना है। भटकने से छुड़ाना है। ब्रह्मा की मददगार भुजा बन
वरदान:- समय प्रमाण रूप-बसन्त अर्थात् ज्ञानी व योगी तू आत्मा बनने वाले स्व शासक भव
जो स्व-शासक हैं वह जिस समय चाहें रूप बन जाएं और जिस समय चाहें बसन्त बन जाएं। दोनों
स्लोगन:- शान्तिदूत वह है जो तूफान मचाने वालों को भी शान्ति का तोहफा दे।
घर चलना है, इसलिए बाप को याद करो''
प्रश्न:- 21 जन्म सुख मिलने का आधार क्या है?
उत्तर:- 63 जन्मों की भक्ति। जिन्होंने पहले-पहले सतोप्रधान भक्ति की है अर्थात् जो पुराने अनेक जन्म
के भक्त हैं वही अब ज्ञान लेते हैं, उन्हें ही 21 जन्मों का सुख प्राप्त होता है। अभी तुम्हारा भक्ति का पार्ट
पूरा हुआ। भगवान तुम्हें भक्ति का फल देने आये हैं। भक्त, भगवान् नहीं हो सकते।
गीत:- माता ओ माता तू है सबकी भाग्य विधाता....
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस बने बनाये ड्रामा पर चलते रहना है। ज्ञान का सिमरण कर स्वदर्शन चक्रधारी बनना है।
सदा खुशी में रहना है।
2) भक्तों को भगवान् का सत्य परिचय देना है। भटकने से छुड़ाना है। ब्रह्मा की मददगार भुजा बन
खुदाई खिदमतगार बनना है।
वरदान:- समय प्रमाण रूप-बसन्त अर्थात् ज्ञानी व योगी तू आत्मा बनने वाले स्व शासक भव
जो स्व-शासक हैं वह जिस समय चाहें रूप बन जाएं और जिस समय चाहें बसन्त बन जाएं। दोनों
स्थिति सेकण्ड में बना सकते हैं। ऐसे नहीं कि बनने चाहें रूप और याद आती रहें ज्ञान की बातें।
सेकण्ड से भी कम टाइम में फुलस्टाप लग जाए। पावरफुल ब्रेक का काम है जहाँ लगाओ वहाँ लगे,
इसके लिए प्रैक्टिस करो कि जिस समय जिस विधि से जहाँ मन-बुद्धि को लगाना चाहें वहाँ लग
जाए। ऐसी कन्ट्रोलिंग वा रूलिंग पावर हो।
स्लोगन:- शान्तिदूत वह है जो तूफान मचाने वालों को भी शान्ति का तोहफा दे।