Thursday, June 13, 2013

Murli [13-06-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-इस पुरानी दुनिया, पुराने माण्डवे से अब दिल हटा लो, तुम्हें बाप के 
पास वापस जाना है इसलिए घर को याद करो'' 

प्रश्न:- अपनी अवस्था अच्छी बनाने के लिए किस बात का बहुत-बहुत ध्यान रखना चाहिए? 
उत्तर:- भोजन का। सेन्सीबुल बच्चे अपने हाथ से योग में रहकर भोजन बनायेंगे और खायेंगे। 
अगर कोई बाबा को याद कर, प्रेम से बैठ भोजन बनाये और खाये तो अवस्था बहुत अच्छी हो 
सकती है। बाबा की याद में भोजन बनायेंगे तो बाबा भी वासना लेंगे। सर्विसएबुल बच्चों को 
बहुत फुर्त बनना चाहिए। हर प्रकार की सेवा अपने हाथ से करनी है। 

गीत:- मुझको सहारा देने वाले..... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) अपने आपसे वा पारलौकिक बाप से बातें कर विचार सागर मंथन में बुद्धि को बिजी रखना है। 
स्वदर्शन चक्रधारी बनना है। 

2) अभी हम वापिस घर जा रहे हैं, यह शोक वाटिका है, इससे ममत्व मिटा देना है। नई दुनिया 
से अपनी दिल लगानी है। 

वरदान:- हर एक की विशेषता को देखते उन्हें सेवा में लगाने वाले दुआओं के पात्र भव 

जैसे बापदादा का हर एक बच्चे की विशेषता से प्यार है और हर एक में कोई न कोई विशेषता है 
इसलिए सबसे प्यार है। तो आप भी हर एक की विशेषता को देखो। जैसे हंस रत्न चुगता है, पत्थर 
नहीं ऐसे आप होलीहंस हो, आपका काम है हरेक की विशेषता को देखना और उनकी विशेषता को 
सेवा में लगाना। उन्हें विशेषता के उमंग में लाकर, उन द्वारा उनकी विशेषता सेवा में लगाओ तो 
उनकी दुआयें आपको मिलेंगी। और वह जो सेवा करेगा उसका शेयर भी आपको मिलेगा। 

स्लोगन:- बापदादा के साथ ऐसे कम्बाइन्ड रहो जो आप द्वारा दूसरों को बाप की याद आ जाए।