Tuesday, October 2, 2012

Murli [2-10-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम हो रूहानी योद्धे, तुम्हें बाप से बहुत बड़े-बड़े ज्ञान के गोले मिले हैं जिनसे माया दुश्मन पर जीत पानी है'' 
प्रश्न: किस राज़ को समझने से तुम बेफिकर बादशाह बन गये हो? 
उत्तर: सारे ड्रामा के राज़ को समझने से बेफिकर बादशाह बन गये। अभी तुम्हें पता है कि हम पुराना हिसाब-किताब चुक्तू करके 21 जन्मों के लिए ज्ञान योग से अपनी झोली भर रहे हैं। हम शिवबाबा के पोत्रे, ब्रह्मा बाबा के बच्चे हैं... तो फिकर किस बात की करें। 
गीत:- तकदीर जगाकर आई हूँ..... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) अमृतवेले मुरली सुनकर फिर प्वाइंट रिपीट करनी है। मुरली के नोट्स जरूर लेने हैं। खुशी में रहने के लिए आप समान बनाने की सेवा करनी है। 
2) ब्रह्मा बाप की दिल पर चढ़ने के लिए ज्ञान योग में तीखा बनना है। नम्बरवन पास होकर स्कालरशिप लेनी है। 
वरदान: भाग्य और भाग्य विधाता की स्मृति से सदा खुश रहने और खुशियां बांटने वाले सहजयोगी भव
संगमयुग खुशियों का युग, मौजों का युग है तो सदा खुशी में रहो और खुशियां बांटते रहो। भाग्य और भाग्य विधाता सदा याद रहे। बाप मिला सब कुछ मिला-यह स्मृति ही सहजयोगी बना देगी। दुनिया वाले कहते हैं कि कष्ट के बिना परमात्मा नहीं मिल सकता और आप कहते घर बैठे बाप मिल गया, जो सोचा नहीं था वह मिल गया। खुशियों का सागर मिल गया...इसी खुशी में रहो-यह भी सहजयोग है।
स्लोगन: शुद्धि और विधि पूर्वक हर कार्य करने वाले ही सच्चे-सच्चे ब्राह्मण हैं।