03-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:05-12-74 मधुबन
व्यर्थ संकल्पों को समर्थ बनाने से काल पर विजय
03-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 'अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:27-12-74 मधुबन
योगी भव और पवित्र भव द्वारा वरदानों की प्राप्ति
वरदान: दिल की तपस्या द्वारा सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाले सर्व की दुआओं के अधिकारी भव
तपस्या के चार्ट में अपने को सर्टीफिकेट देने वाले तो बहुत हैं लेकिन सर्व की सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट तभी प्राप्त होता है जब दिल की तपस्या हो, सर्व के प्रति दिल का प्यार हो, निमित्त भाव और शुभ भाव हो। ऐसे बच्चे सर्व की दुआओं के अधिकारी बन जाते हैं। कम से कम 95 परसेन्ट आत्मायें सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट दें, सबके मुख से निकले कि हाँ यह नम्बरवन है, ऐसा सबके दिल से दुआओं का सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाले ही बाप समान बनते हैं।
स्लोगन: समय को अमूल्य समझकर सफल करो तो समय पर धोखा नहीं खायेंगे।
व्यर्थ संकल्पों को समर्थ बनाने से काल पर विजय
03-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 'अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:27-12-74 मधुबन
योगी भव और पवित्र भव द्वारा वरदानों की प्राप्ति
वरदान: दिल की तपस्या द्वारा सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाले सर्व की दुआओं के अधिकारी भव
तपस्या के चार्ट में अपने को सर्टीफिकेट देने वाले तो बहुत हैं लेकिन सर्व की सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट तभी प्राप्त होता है जब दिल की तपस्या हो, सर्व के प्रति दिल का प्यार हो, निमित्त भाव और शुभ भाव हो। ऐसे बच्चे सर्व की दुआओं के अधिकारी बन जाते हैं। कम से कम 95 परसेन्ट आत्मायें सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट दें, सबके मुख से निकले कि हाँ यह नम्बरवन है, ऐसा सबके दिल से दुआओं का सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाले ही बाप समान बनते हैं।
स्लोगन: समय को अमूल्य समझकर सफल करो तो समय पर धोखा नहीं खायेंगे।