Monday, May 28, 2012

Murli [28-05-2012]-Hindi

मुरली सार : ''मीठे बच्चे - बाप आये हैं - तुम्हें श्रेष्ठ मत देकर सदा के लिए सुखी, शान्त बनाने, उनकी मत पर चलो, रूहानी पढ़ाई पढ़ो और पढ़ाओ तो एवरहेल्दी वेल्दी बन जायेंगे'' 
प्रश्न: कौन सा चांस सारे कल्प में इस समय ही मिलता है, जो मिस नहीं करना है? 
उत्तर: रूहानी सेवा करने का चांस, मनुष्य को देवता बनाने का चांस अभी ही मिलता है। यह चांस मिस नहीं करना है। रूहानी सर्विस में लग जाना है। सर्विसएबुल बनना है। खास कुमारियों को ईश्वरीय गवर्मेन्ट की सेवा करनी है। मम्मा को पूरा-पूरा फॉलो करना है। अगर कुमारियां बाप का बनकर जिस्मानी सर्विस ही करती रहें, कांटों को फूल बनाने की सर्विस नहीं करें तो यह भी जैसे बाप का डिसरिगार्ड है। 
गीत:- जाग सजनियां जाग .... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) सर्विसएबुल बनने के लिए अन्दर बाहर साफ बनना है। मुख से बहुत मीठे बोल बोलने हैं। देह सहित देह के सब सम्बन्धों से बुद्धियोग हटाना है। संग से अपनी सम्भाल करनी है। 
2) बाप समान मास्टर दु:ख हर्ता सुख कर्ता बनना है। रूहानी सेवा कर सच्ची कमाई करनी है। रूहानी बाप की मत पर रूहानी सोशल वर्कर बनना है। 
वरदान: न्यारेपन की अवस्था द्वारा पास विद आनर का सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाले अशरीरी भव 
पास विद आनर का सर्टीफिकेट प्राप्त करने के लिए मुख और मन दोनों की आवाज से परे शान्त स्वरूप की स्थिति में स्थित होने का अभ्यास चाहिए। आत्मा शान्ति के सागर में समा जाये। यह स्वीट साइलेन्स की अनुभूति बहुत प्रिय लगती है। तन और मन को आराम मिल जाता है। अन्त में यह अशरीरी बनने का अभ्यास ही काम में आता है। शरीर का कोई भी खेल चल रहा है, अशरीरी बन आत्मा साक्षी (न्यारा) हो अपने शरीर का पार्ट देखे तो यही अवस्था अन्त में विजयी बना देगी। 
स्लोगन: सर्व गुणों वा सर्वशक्तियों का अधिकार प्राप्त करने के लिए आज्ञाकारी बनो।