Sunday, May 20, 2012

Murli [20-05-2012]-Hindi

20-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:13-09-74 मधुबन 
मुरब्बी बच्चे बन अपनी स्टेज को योग-युक्त व युक्ति-युक्त बनाओ 
वरदान: परिवर्तन शक्ति द्वारा बीती को बिन्दी लगाने वाले निर्मल और निर्माण भव 
परिवर्तन शक्ति द्वारा पहले अपने स्वरूप का परिवर्तन करो, मैं शरीर नहीं, आत्मा हूँ। फिर स्वभाव का परिवर्तन करो, पुराना स्वभाव ही पुरूषार्थी जीवन में धोखा देता है, तो पुराने स्वभाव अर्थात् नेचर का परिवर्तन करो। फिर है संकल्पों का परिवर्तन। व्यर्थ संकल्पों को समर्थ में परिवर्तन कर दो। इस प्रकार परिवर्तन शक्ति द्वारा हर बीती को बिन्दी लगा दो तो निर्मल और निर्माण स्वत: बन जायेंगे। 
स्लोगन: मस्तक पर स्मृति का तिलक सदा चमकता रहे-यही सच्चे सुहाग की निशानी है।