29-04-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:11-07-74 मधुबन
मुरली में दिये गये डायरेक्शन द्वारा सर्व कमियों से छुटकारा
वरदान: स्वयं को विशेष पार्टधारी समझ साधारणता को समाप्त करने वाले परम व श्रेष्ठ भव
जैसे बाप परम आत्मा है, वैसे विशेष पार्ट बजाने वाले बच्चे भी हर बात में परम यानी श्रेष्ठ हैं। सिर्फ चलते-फिरते, खाते-पीते विशेष पार्टधारी समझकर ड्रामा की स्टेज पर पार्ट बजाओ। हर समय अपने कर्म अर्थात् पार्ट पर अटेन्शन रहे। विशेष पार्टधारी कभी अलबेले नहीं बन सकते। यदि हीरो एक्टर साधारण एक्ट करें तो सब हंसेंगे इसलिए हर कदम, हर संकल्प हर समय विशेष हो, साधारण नहीं।
स्लोगन: अपनी वृत्ति को पावरफुल बनाओ तो सेवा में वृद्धि स्वत: होगी।
मुरली में दिये गये डायरेक्शन द्वारा सर्व कमियों से छुटकारा
वरदान: स्वयं को विशेष पार्टधारी समझ साधारणता को समाप्त करने वाले परम व श्रेष्ठ भव
जैसे बाप परम आत्मा है, वैसे विशेष पार्ट बजाने वाले बच्चे भी हर बात में परम यानी श्रेष्ठ हैं। सिर्फ चलते-फिरते, खाते-पीते विशेष पार्टधारी समझकर ड्रामा की स्टेज पर पार्ट बजाओ। हर समय अपने कर्म अर्थात् पार्ट पर अटेन्शन रहे। विशेष पार्टधारी कभी अलबेले नहीं बन सकते। यदि हीरो एक्टर साधारण एक्ट करें तो सब हंसेंगे इसलिए हर कदम, हर संकल्प हर समय विशेष हो, साधारण नहीं।
स्लोगन: अपनी वृत्ति को पावरफुल बनाओ तो सेवा में वृद्धि स्वत: होगी।