Monday, April 16, 2012

Murli [16-04-2012]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - मात-पिता के सिजरे में आना है तो पूरा फालो करो, उनके समान मीठे बनो, अच्छी रीति पढ़ाई पढ़ो''
प्रश्न :- कौन सी गुह्य राज़युक्त, रहस्य-युक्त बातें समझने के लिए बहुत अच्छी बुद्धि चाहिए?
उत्तर: ब्रह्मा सरस्वती वास्तव में मम्मा बाबा नहीं हैं, सरस्वती तो ब्रह्मा की बेटी है, वह भी ब्रह्माकुमारी है। ब्रह्मा ही तुम्हारी बड़ी माँ है, परन्तु मेल है इसलिए माता जगत अम्बा को कह दिया है। यह बड़ी रहस्ययुक्त गुह्य बात है, जिसको समझने के लिए बहुत अच्छी बुद्धि चाहिए। 2 सूक्ष्मवतनवासी ब्रह्मा को प्रजापिता नहीं कहेंगे। प्रजापिता यहाँ है। यह व्यक्त जब सम्पूर्ण पवित्र हो जाते हैं तो सम्पूर्ण अव्यक्त रूप दिखाई देता है। वहाँ मूवी भाषा चलती है। देवताओं की महफिल लगती है। यह भी समझने की गुह्य बात है।
गीत:- माता ओ माता....
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) निरन्तर याद में रहने के लिए दिल की प्रीत एक बाप से रखनी है। प्रीतम को कभी भी भूलना नहीं है।
2) विकर्माजीत राजाई में जाने के लिए मोहजीत बनना है, सुकर्म करने हैं। कोई भी विकर्म नहीं करना है।
वरदान: संगमयुग के समय का महत्व जान परमात्म दुआओं से झोली भरने वाले मायाजीत भव
संगमयुग का एक सेकण्ड और युगों के एक वर्ष से भी ज्यादा है, इस समय एक सेकण्ड भी गंवाया तो सेकण्ड नहीं लेकिन बहुत कुछ गंवाया। इतना महत्व सदा याद रहे तो हर सेकण्ड परमात्म दुआयें प्राप्त करते रहेंगे और जिसकी झोली परमात्म दुआओं से सदा भरपूर है उसके पास कभी माया आ नहीं सकती। दूर से ही भाग जायेगी। तो समय को बचाना-यही तीव्र पुरूषार्थ है। तीव्र पुरूषार्थी अर्थात् सदा मायाजीत।
स्लोगन: जो आज्ञाकारी हैं वही बाप की वा परिवार की दुआओं के पात्र हैं।